Rajasthan Annapurna Rasoi Yojana: राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरुआत तो वर्ष 2016 मे राज्य की तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने की थी । इसके बाद सत्ता परिवर्तन होने के बाद 20 अगस्त 2020 को अशोक गहलोत ने इस योजना का नाम बदल कर इंदिरा रसोई योजना कर दिया था । अब वापस से भजनलाल सरकार ने इस योजना को अन्नपूर्णा रसोई योजना के नाम पर शुरू किया ।
जब जब प्रदेश मे सत्ता परिवर्तन हुआ तब तब इस योजना का केवल नाम ही बदला गया है । लेकिन एक चीज अब भी नहीं बदली है थाली की कीमत 5 रुपए में नाश्ता, 8 रुपए में खाना। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य जरूरतमंद व्यक्तियों को सस्ती दरों पर सम्मानपूर्वक बिठाकर स्थानीय स्वादानुसार दो समय का शुद्ध व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाना है।
राजस्थान अन्नपूर्णा रसोई योजना
यह योजना सभी 213 निकायों मे शुरू की गई । इन्दिरा रसोई योजनान्तर्गत 213 नगर निकायों में 358 स्थायी रसोईयों की स्थापना की गई है जिसमें नगर निगम क्षेत्रों में 87 रसोईयां (जयपुर-20, जोधपुर-16, कोटा-16, अजमेर-10, बीकानेर-10, उदयपुर-10 एवं भरतपुर-5), नगर परिषद क्षेत्रों में (कुल 34 नगर परिषद) में 3 रसोई प्रति नगर परिषद एवं प्रत्येक नगर पालिका क्षेत्र (कुल 169 नगर पालिका) में 01 रसोई प्रति नगर पालिका संचालित की जा रही है।
राज्य बजट 2022-23 में इंदिरा रसोईयो की संख्या 358 से बढ़ाकर 1000 करने की घोषणा । 18 सितंबर 2022 को सीएम अशोक गहलोत द्वारा सोजती गेट जोधपुर से 512 नई इंदिरा रसोईयो की शुरुआत । वर्तमान में संचालित राज्य में कुल इंदिरा रसोईयो की संख्या 951 हो गई है ।
Rajasthan Annapurna Rasoi Yojana का उद्देश्य
योजना का प्रमुख उद्देश्य जरूरतमंद व्यक्तियों को सस्ती दरों पर सम्मानपूर्वक बिठाकर स्थानीय स्वादानुसार दो समय का शुद्ध व पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाना है। गरीबों के लिए कम दरों पर 2 बार भोजन (नाश्ता / दोपहर का भोजन) प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार के द्वारा Annapoorna Rasoi Yojana लांच की गई है
Rajasthan Annapurna Rasoi Yojana की विशेषताएं
- लाभार्थी को 8 रूपये में शुद्ध, ताजा एवं पोष्टिक भोजन
- राज्य सरकार द्वारा 22 रूपये प्रति थाली अनुदान
- प्रतिदिन 1.34 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 4.87 करोड़ लोगां को लाभान्वित करने का लक्ष्य।
- अन्नपूर्णा रसोई योजना के अंतर्गत थाली में 300 ग्राम चपाती, 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम मिलेट्स, खिचड़ी और अचार परोसा जाता है, जिसके लिए लोगों से 8 रुपए लिए जाते हैं.
- प्रत्येक रसोई संचालन हेतु एकमुश्त 5 लाख रुपये आधारभूत एवं 3 लाख रुपये प्रतिवर्ष आवर्ती व्यय का प्रावधान
- सामान्यतः दोपहर का भोजन प्रातः 8:30 बजे से मध्यान्ह 1:00 बजे तक एवं रात्रिकालीन भोजन सांयकाल 5:00 बजे से 8:00 बजे तक उपलब्ध कराया जायेगा।
Rajasthan Annapurna Rasoi Yojana भोजन का मैन्यू
भोजन का मैन्यू – इन्दिरा रसोई योजनान्तर्गत भोजन में चपाती, दाल, सब्जी एवं अचार सम्मिलित किया गया है तथा स्थानीय समिति द्वारा आवश्यकतानुसार मैन्यू में स्थानीय स्वादानुसार परिवर्तन किया जा सकेगा। अन्नपूर्णा रसोई योजना के अंतर्गत थाली में 300 ग्राम चपाती, 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम मिलेट्स, खिचड़ी और अचार परोसा जाता है, जिसके लिए लोगों से 8 रुपए लिए जाते हैं.
Rajasthan Annapurna Rasoi Yojana दान सहयोग राशि
इस योजना में व्यक्ति/संस्था/कॉर्पोरेट/फर्म आर्थिक सहयोग भी कर सकती है। दान/सहयोग मुख्यमंत्री सहायता कोष अथवा रजिस्टर्ड जिला स्तरीय इंदिरा रसोई के बैंक खाते में ही किया जा सकेगा। औद्यौगिक/व्यापारिक संस्थान सीएसआर फण्ड से सहयोग कर सकते हैं तथा ये संस्थान एक या अधिक इंदिरा रसोई के संपूर्ण सचालन का जनसहभागिता के आधार पर उत्तरदायित्व ले सकते है।
रसोई में आप अपने परिजनों की वर्षगांठ, जन्मदिवस या अन्य किसी उपलक्ष्य में दोपहर/रात्रि या दोनों समय का भोजन प्रायोजित कर सकते हैं, आगंतुकां के लिए प्रायोजित भोजन प्रायोजित सीमा तक निःशुल्क उपलब्ध रहेगा। आपके प्रायोजित भोजन का प्रदर्शन डिस्प्ले बोर्ड पर किया जा सकेगा कि ‘‘आज का भोजन श्री ………. द्वारा …………………………. कारण से प्रायोजित है।” प्रायोजक व्यक्ति लागत राशि का भुगतान संबंधित बैंक खाते में किया जाएगा।
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